GSTR रिटर्न फाइल करने में परेशानी? समझ नहीं पा रहे की GST कैसे काम करता है? GSTR 3B अंतिम तारीख से पहले फाइल करना है पर नहीं जानते की कैसे फाइल करना है?
चिंता मत कीजिये! GSTR 3B की सभी जानकारी यहाँ दी गयी है|
GSTR-3B क्या है?
GSTR-3B एक ऐसा रिटर्न है जिसे सभी करदाताओं को हर महीने फाइल करनी होती है और इसे वो स्वयं घोषित करते हैं (सेल्फ-डिक्लेरेशन)|
GSTR-3B रिटर्न में, डीलर द्वारा जमा किये गए सभी आउटपुट क्रेडिट, ख़रीददारी पर मौजूद ITC (इनपुट टैक्स क्रेडिट), GST में जो योग्य नहीं है, जिसपर GST नहीं लगता, RCM, प्रोपोरशनेट डिसालवेंस ( ऐसी परिस्थिति में जहाँ होटल रेस्टोरेंट सेल और ट्रैवल डेस्क पर 5% GST चार्ज करता है) इन सभी को गिनने की प्रक्रिया का सारांश होता है|
नोट: इनवॉइस के मुताबिक ब्रेक करने की आवश्यकता नहीं होती| GSTR-3B में सिर्फ कुल संख्या की आवश्यकता होती है|
GSTR-3B किसे फाइल करनी चाहिए?
GSTR-3B किसे फाइल करना चाइये यह कई लोग जानना चाहते है| यहाँ क्लिक करे और जाने 10 आसान स्टेप GSTR 3B फाइल करने के लिए| सभी व्यक्ति जो भी GST के अंतर्गत पंजीकृत (रजिस्टर्ड) हैं उन्हें GSTR-3B के साथ नील रिटर्न भी फाइल करना होगा और यह अनिवार्य है, कुछ को छोड़कर:
- इनपुट सर्विस डिस्ट्रीब्यूटर
- कम्पोजीशन सप्लायर
- नॉन -रेसिडेंट टैक्सेबल व्यक्ति
- OIDAR का सप्लायर
नोट:
आपको अपने हर एक GSTIN के लिए अलग अलग GSTR 3B फाइल करनी होगी|
अगर किसी महीने कोई ट्रांज़ैक्शन नहीं हुई हो फिर भी GSTR-3B फाइल करना अनिवार्य है|
GSTR-3B कब फाइल करनी होती है?
GSTR 3B फाइल करने के ड्यू डेट
अप्रैल 2019 | 20 मई 2019 (अन्य लोग) 20 जून 2019 (ओडिशा) |
मई 2019 | 20 जून 2019 |
जून 2019 | 20 जुलाई 2019 |
जुलाई 2019 | 22 अगस्त 2019 | नोट: “बिहार, गुजरात, कर्नाटक, केरल, महाराष्ट्र, ओडिशा, उत्तराखंड के अधिसूचित जिलों के लिए और उन पंजीकृत व्यक्तियों के लिए भी जिनका व्यवसाय का मुख्य स्थान J & K में है उनके लिए 20 सितंबर 2019 तक नियत तिथि (Due Date) है।” |
अगस्त 2019 | 20 सितंबर 2019 |
सितंबर 2019 | 20 अक्टूबर 2019 |
अक्टूबर 2019 | 20 नवंबर 2019 |
नवंबर 2019 | 20 दिसंबर 2019 |
GSTR-3B में क्या क्या जानकारी होनी चाहिए?
GSTR-3B फॉर्म में दी जाने वाली जानकारियों में निम्लिखित शामिल हैं:
- पंजीकृत (रजिस्टर्ड) करदाता द्वारा किये गए सेल (बिक्री) और परचेस (ख़रीद)
- इनपुट टैक्स क्रेडिट
- लाइबल टैक्स
- टैक्स पेड
GSTR 3B का फॉर्मेट
✔GSTIN: सभी करदतों का 15 डिजिट का गुड्स एंड सर्विसेज टैक्सपेयर आइडेंटिफिकेशन नंबर (GSTIN) होता है| यह अपने आप भर दिया जाता है|
✔पंजीकृत (रजिस्टर्ड) व्यक्ति का नाम: यह भी अपने आप भर दिया जाता है|
✔उन सेल (बिक्री) और परचेस (ख़रीद) की जानकारी जो रिवर्स चार्ज के लिए लिजबले है (पार्ट A): टैक्स की कुल राशि ( 2 राज्यों के बीच और राज्य के अंतर्गत दोनों) और साथ ही कुल टैक्स का विभाजन (IGST, CGST, SGST/UTGST):
- आउटवर्ड टैक्सेबल सप्लाइज दूसरे ज़ीरो रेट, नील रेट और एक्सेम्पटेड
- आउटवर्ड टैक्सेबल सप्लाइज (ज़ीरो रेटेड)
- आउटवर्ड सप्लाइज, निल रेटेड और एक्सेम्पटेड की तरफ
- इनवर्ड सप्लाइज जो रिवर्स चार्ज के आधार पर पे करने के लिए लाइबल है
- नॉन-GST आउटवर्ड सप्लाइज
✔एक ही राज्य के अंतर्गत उन व्यक्तिओं को किये गए सप्लाई की जानकारी जो पंजीकृत नहीं हैं, जो कम्पोजीशन डीलर्स है और जिनके पास UIN है (पार्ट B):
इस टेबल में एक ही राज्य के अंतर्गत, बिना पंजीकृत किये व्यक्ति, कम्पोजीशन डीलर्स और जिनके पास UIN है, उन्हें किये गए आउटवर्ड सप्लाई का विभाजन दिखाया जाता है| इस जानकारी में राज्य या यूनियन टेरिटरी के आधार पर कुल टैक्स राशि और कुल IGST की जानकारी होनी चाहिए जो सप्लाइज पर लगायी गयी है|
✔इनपुट टैक्स क्रेडिट: इस टेबल आपकी योग्य ITC जो उपलब्ध है और आपके द्वारा बनायीं ITC रेवरॉल्स, दोनों का इस्तेमाल किया जाता है नेट ITC निकालने में|
✔ITC उपलब्धता (पुरे में या हिस्से में): उन इनवर्ड सप्लाइज को हिस्सों में दिखाए जिसपर ITC लगाया गया है| इसमें निम्लिखित जानकारियाँ होनी चाहिए:
- गुड्स की इम्पोर्ट: IGST का टैक्स क्रेडिट जो गुड्स की इम्पोर्ट पर पे किया गया है|
- सर्विसेज की इम्पोर्ट: IGST का टैक्स क्रेडिट जो सर्विसेज की इम्पोर्ट पर पे किया गया है|
✔इनवर्ड सप्लाइज जो रिवर्स चार्ज पर लाइबल है: इनवर्ड सप्लाइज जो रिवर्स चार्ज के लिए लाइबल हैं और उनपर GST पे किया गया है उन्हें यहाँ लिखें| अधिक जानकारी के लिए रिवर्स चार्ज के लिए लाइबल इनवर्ड सप्लाइज के बारे में पढ़ें|
- ISD से इनवर्ड सप्लाइज इनपुट सर्विस डिस्ट्रीब्यूटर (ISD) से मिला इनपुट टैक्स क्रेडिट
- बाकी सभी ITC: दिए गए को छोड़कर बाकी दूसरे इनवर्ड सप्लाइज के ITC को यहाँ भरे
✔उन इनपुट टैक्स क्रेडिट की जानकारी जिन्हें रिवर्स करनी है: जो ITC रिवर्सेबल हैं, इनपुट के इस्तेमाल (यूसेज ऑफ़ इनपुट)/इनपुट सर्विसेज/कैपिटल गुड्स जो नॉन-बिज़नेस के लिए इस्तेमाल होते हैं या उन सप्लाइज के लिए इस्तेमाल होते हैं जिन्हें एक्सेम्पट किया गया है उन्हें यहाँ लिखें|
ओर साथ हीं अगर डेप्रिसिएशन,कैपिटल गुड्स के कॉम्पोनेन्ट, और प्लांट & मशीनरी के टैक्स पर क्लेम किया गया है तो भी ITC को स्वीकृति नहीं दी जाएगी|
- जो ITC उपलब्ध दिख रही है उसमे से इस टेबल में दिए गए उस ITC को जो रिवर्स किये जायेंगे, उन्हें घटाने के बाद जो आएगा वही योग्य ITC कहा जायेगा|
✔उन ITC की जानकारी जो योग्य नहीं है: नेगेटिव लिस्ट में दी गयी इनवर्ड सप्लाइज जिसपर GST पे किया गया है वो इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) के योग्य नहीं है| इन जैसे सप्लाइज पर पे किये GST की जानकारी इस टेबल में लिखी जाती है| अधिक जानने के लिए उन सप्लाइज की सूची देखें जो ITC के लिए योग्य नहीं है|
✔एक्सेम्पट, निल-रेटेड और नॉन-GST इनवर्ड सप्लाइज की जानकारी: यहाँ आपको उन इनवर्ड सप्लाइज की जानकारी देनी है जो कम्पोजीशन स्कीम के तहत आने वाले सप्लायर और सप्लाई ट्रांज़ैक्शन, निल रेटेड और एक्सेम्पट सप्लाइज और नॉन GST सप्लाइज के लिए उस टैक्स पीरियड में की गयी है .(एक हीं राज्य और दो राज्यों के बीच दोनों तरह के सप्लाइज जो आपने किये हैं)
✔टैक्स का पेमेंट: यहाँ आपको अपने द्वारा निर्धारित टैक्स की जानकारी देनी होगी जो आपके अनुसार आपको देनी है| यह टेबल नंबर 3 में दिए आउटवर्ड सप्लाइज और इनवर्ड सप्लाइज जो रिवर्स चार्ज पर लाइबल है, उनकी जानकारी पर निर्भर करता है| ITC और कैश डिपाजिट के इस्तेमाल से टैक्स के आधार पर टैक्स के भुगतान का ब्रेक-उप यहाँ देना होगा|
✔TDS/TCS क्रेडिट: यहाँ आपको TDS( टैक्स विथहेल्ड बाय गवर्नमेंट इस्टैब्लिशमेंट) और TCS ( टैक्स विथहेल्ड बी E-commerce ऑपरेटर) की जानकारी देनी है| हालाँकि यह GST के शुरुवाती रोल-आउट से अलग है| TDS और TCS तब तक लागू नहीं होता जबतक नोटिफाई नहीं किया जाता|
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