क्या कभी सोचा है कि भारत में डिस्ट्रीब्यूटर कैसे बना जाए? व्यापार आपको एक झलक देता है कि इसके बारे में क्या करें। आज ही अपनी खुद की डिस्ट्रीब्यूटरशिप शुरू करने के लिए पढ़ें|
# डिस्ट्रीब्यूटर कौन है? (Distributor Kaun Hai?)
भारत में एक डिस्ट्रीब्यूटर मुख्य रूप से एक बिजनेसमैन है जो प्रोडक्ट्स को निर्माता(मैन्युफैक्चरर) से लेकर बाजार तक पहुंचाता है । वे कंपनियों से प्रोडक्ट्स को खरीदते हैं और रिटेलर्स या उपभोक्ताओं को बेचते हैं।
भारत में एक रिटेलर और डिस्ट्रीब्यूटर के बीच अंतर ये है कि डिस्ट्रीब्यूटर एक बिज़नेस से दूसरे बिज़नेस के बीच ट्रांजेक्शन (लेन-देन) करते है और रिटेलर्स सीधे उपभोक्ताओं को बेचते है|
# डिस्ट्रीब्यूटर बनने के खेल में कैसे शामिल हों?
डिस्ट्रीब्यूशन खरीदने और बेचने का खेल है| इसका मतलब है कि एक व्यक्ति जो भारत में डिस्ट्रीब्यूटर बनना चाहता है , उसमें अच्छी तरह बातचीत करने का, मार्केट में क्या चल रहा है इसका पता लगाने का और मार्केट में आगे आने वाली मांग का अनुमान लगाने का हुनर होना चाहिए |
# एक मान्यता प्राप्त डिस्ट्रीब्यूटर बनने के लिए व्यापार के सबसे अच्छी टिप्स:
प्रोडक्ट:
सबसे पहले, एक प्रोडक्ट चुनें जो आपके मौजूदा काम या बिज़नेस से जुड़ा हुआ हो , साथ ही प्रोडक्ट और उसको कैसे आगे बढ़ाना है उसके बारे में समझें |
मार्केट रिसर्च:
प्रोडक्ट की विशेषताओं के बारे में जानने से अपना मार्केट रिसर्च शुरू करें। इसके अलावा साथ में , प्रोडक्ट के ऍप्लिकेशन्स को पहचानें और उपभोक्ताओं की पसंद जानने की भी कोशिश करें |
इसके अलावा,उन कंपनियों के बारे में भी जानें , जो आपके जैसे प्रोडक्ट्स बनाती हैं। इससे आपको प्रोडक्ट की मांग जानने और उसकी सप्लाई पूरी करने और स्मार्ट सेल्समैन्सशिप करने में मदद मिलेगी|
निर्माता(मैन्युफैक्चरर) – डिस्ट्रीब्यूटर एन्गेजमेन्ट मॉडल:
कंपनियों को चुनने के बाद , उन्हें डिस्ट्रीब्यूटरशिप के लिए संपर्क करें। भारत में अपने आप को डिस्ट्रीब्यूटर के रूप में स्थापित करने के लिए नियम और शर्तों को समझें। डिस्ट्रीब्यूटरशिप मिलने के जरूरी कारणों में से एक कारण है किसी एक इलाके पर आपकी धाक होना |
खुद को सुधारना :
कंपनियों का ध्यान अपनी तरफ खींचने के लिए डेब्ट्स को कम करें और साफ़-सुथरा क्रेडिट रिकॉर्ड दिखाएं। यदि आपके पास कोई भी कमी है तो उस पर काम करें| अपनी कैश लिक्विडिटी आदि दिखाएं ।
किसी भी व्यक्ति में गोदाम संभालने, स्टॉक / इन्वेंट्री, सप्लाई चेन और अन्य जरूरी पेरिफेरल्स को सँभालने की काबिलियत होनी चाहिए ताकि प्रोडक्ट रिटेलर्स को जल्दी से जल्दी पहुंच सके।
साफ़ सुथरी कागजी कार्यवाही:
सभी जरूरी परमिट और लाइसेंस सरकारी अथॉरिटीज से लें जैसे कि एम्प्लायर आइडेंटिफिकेशन नंबर, आपके आधार से जुड़े दस्तावेज आदि।
सच ये है कि, डिस्ट्रीब्यूटर चुनने निकलती है तो एक कंपनी साफ़ सुथरी कागजी कार्यवाही को आमतौर पर सबसे ज्यादा महत्व देती है |
बिज़नेस को बढ़ाने की योग्यता :
हर कंपनी को ये जानने में रुचि होती है कि आप अपने बिज़नेस को कैसे बढ़ाएंगे । ‘व्यापार’ के टिप्स आपकी सेल्समैन कुशलता और सही लोगों में आपकी नेटवर्किंग को बढ़ा देते हैं|
महत्वपूर्ण व्यापार शो, एक्सपो, सम्मेलनों में भाग लें और प्रोडक्ट निर्माताओं और कॉम्पिटिटर्स से मिलें। अन्य डिस्ट्रीब्यूटर्स और रिटेलर्स से संपर्क करने के लिए एक अच्छी सेल्स टीम को नौकरी पर रखें|
# निष्कर्ष:
एक ‘व्यापार’ डिस्ट्रीब्यूटर बनकर अपनी सॉफ्टवेयर डिस्ट्रीब्यूशन यात्रा शुरू करें। यह एक बहुत आसान प्रोसेस है | आप ‘व्यापार ‘के लिए डेस्कटॉप या एंड्रॉइड वर्जन का लाइसेंस एमएआरपी(MRP) पर एक भारी डिस्काउंट के साथ खरीद सकते हैं।
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